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विवाह भारतीय परंपरा में सिर्फ एक सामाजिक अनुबंध नहीं है; यह दो आत्माओं और परिवारों का गहरा संबंध है। इसे सफल और सुखमय बनाने के लिए ज्योतिष का सहारा लिया जाता है। जन्म तिथि के आधार पर कुंडली मिलान और विवाह अनुकूलता का अध्ययन करना न केवल एक प्राचीन परंपरा है, बल्कि यह वैवाहिक जीवन में स्थिरता और सामंजस्य लाने का एक प्रभावी तरीका भी है। इस लेख में, हम जन्म तिथि के आधार पर विवाह अनुकूलता, विवाह के समय, प्रेम विवाह की संभावनाएं, और विवाह के बाद स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की भविष्यवाणी के विषय में विस्तार से जानेंगे। विवाह अनुकूलता का महत्व विवाह अनुकूलता का मतलब है दो व्यक्तियों के बीच मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक संतुलन। यदि कुंडली मिलान/Kundali Matching सही तरीके से किया जाए, तो यह भविष्य के संघर्षों को कम कर सकता है और दांपत्य जीवन को सुखमय बना सकता है। कुंडली मिलान में जन्म तिथि का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, जन्म तिथि से प्राप्त कुंडली के आधार पर यह समझा जा सकता है कि आप और आपका साथी एक-दूसरे के लिए कितने उपयुक्त हैं। कुंडली मिलान में 36 गुणों का मिलान किया जाता है। यदि 18 से अधिक गुण मेल खाते हैं, तो यह विवाह के लिए शुभ संकेत माना जाता है। गुण मिलान के अलावा, मांगलिक दोष, सप्तम भाव, और ग्रहों की स्थिति का अध्ययन भी विवाह अनुकूलता तय करने में सहायक होते हैं।

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