नमस्कार दोस्तों, दुबे क्लिनिक (भारत का प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक) की ओर से आप सभी लोगो का स्वागत है।
आज के समय में, जैसा कि हम सभी देख रहे हैं कि भारत में हर कोने में गुप्त व यौन रोगियों की संख्या में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी होती जा रही है। दरअसल, इस पुरुषो या महिलाओं में होने वाले इस गुप्त व यौन रोग के बढ़ने के पीछे बहुत सारे कारण हैं। वर्त्तमान समय में, भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के 23% से अधिक लोग इस गुप्त व यौन समस्याओं से पीड़ित हैं। अगर हम इनके स्पष्ट कारणों की बात करें तो हम पाते हैं कि इस गुप्त व यौन समस्या के लिए आनुवंशिक, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक, जीवनशैली, चिकित्सा, संबंध और अन्य कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारे देश में एक चौथाई विवाहित जोड़े अपने वैवाहिक व यौन जीवन से असंतुष्ट हैं। दरअसल, यह उस व्यक्ति या जोड़े के लिए एक गंभीर मसला है जो इस कठिन परिस्थिति का सामना करता है।
विश्व विख्यात आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, जो भारत के सबसे अनुभवी व सीनियर क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टरों में से एक हैं, का कहना है कि गुप्त व यौन रोगियों की संख्या में वृद्धि का मुख्य कारण उनकी खुद की लापरवाही, आत्म-देखभाल और आत्म-जागरूकता की कमी, यौन शिक्षा का अभाव, शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में असमानता, और यौन रोगों के बारे में जानकारी की कमी, झिझक और शर्म है। पिछले 35 वर्षों से, वे पटना में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में पद आसीन हैं जो दुबे क्लिनिक में सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों को अपना व्यापक आयुर्वेदिक उपचार और दवा प्रदान करते हैं।
वे बताते है कि हमारे समाज में यौन शिक्षा व इसके समस्या पर चर्चा एक मान्यता प्राप्त बातचीत नहीं है, जहाँ लोग अपनी गुप्त व यौन समस्याओं के बारे में अपनी बात किसी के साथ साझा करने में असहज व बुरा महसूस करते हैं। वास्तव में, लोगों को अपनी इस मानसिकता को बदलने की जरुरत है जो कि उनके स्वास्थ्य समस्या के एक जटिल स्थिति है, समस्या चाहे शारीरिक हो या यौन, इसके निदान पर ध्यान केंद्रित करनी चाहिए। आज का हमारा यह सत्र हाइपोगोनाडिज्म (टेस्टोस्टेरोन यौन हार्मोन के स्तर में कमी व इसके उत्पादन) पर आधारित है जो की पुरुष व महिला में उनके बांझपन, कामेच्छा में कमी और अन्य गुप्त व यौन रोग जैसे इरेक्शन की समस्या, मासिक धर्म की समस्या, वैजिनल का सूखापन आदि का कारण बनता है।
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे जो कि भारत के एक सर्टिफाइड और अनुभवी क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं। उनकी विशेषता आयुर्वेदिक चिकित्सा अनुसंधान, सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान, यौन स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सक और यौन परामर्शदाता के रूप में पुरे दुनिआ में प्रसिद्ध है। अपने आयुर्वेदिक और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के कैरियर में, उन्होंने पुरुषों और महिलाओं के विभिन्न गुप्त व यौन रोगों पर अपना शोध किया है। चूंकि उनका शोध उनके दैनिक अभ्यास, अध्ययन, सेक्सोलॉजी, रोगियों की समस्याओं, सर्वेक्षण, विशेषज्ञता और अनुभव पर आधारित था; जो कि रोगियों के आयुर्वेदिक उपचार और चिकित्सा के उद्देश्य से सफल रहा है। उन्होंने गुप्त व यौन रोगियों के लिए बहुत सारी आयुर्वेदिक उपचार (जड़ी-बूटी, भस्म और हर्बल उपचार) की खोज की। गुप्त व यौन रोगियों के उपचार में उनके सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए, उन्हें नई दिल्ली और दुबई में क्रमशः भारत गौरव अवार्ड और अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद रत्न अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। आइए हम आज के मुख्य विषय पर चर्चा करते हैं।
हाइपोगोनाडिज्म पुरुषों या महिलाओं में बांझपन व अन्य यौन रोग का कारण बनता है:
हाइपोगोनाडिज्म एक ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति में तब होती है जब यौन ग्रंथियां या गोनाड उसके शरीर में बहुत कम या किसी भी तरह के यौन हार्मोन का उत्पादन नहीं करते हैं। यहां, हमें यौन स्वास्थ्य के लिए शरीर में गोनाड और यौन हार्मोन के बारे में समझना चाहिए। वास्तव में, गोनाड महिलाओं में अंडाशय और पुरुषों में वृषण में स्थित होता है। यौन हार्मोन शुक्राणु उत्पादन, मासिक धर्म और यौवन के दौरान जघन बाल, स्तन और अंडकोष के विकास के लिए महत्वपूर्ण घटना हैं।
पुरुष अल्पजननग्रंथिता (हाइपोगोनाडिज्म):
यह पुरुषों में होने वाली एक ऐसी स्थिति है जिसमें उसके शरीर पर्याप्त टेस्टोस्टेरोन, शुक्राणु या दोनों का उत्पादन नहीं करता है। यह किसी व्यक्ति के जन्म के समय मौजूद हो सकता है या जीवन पर्यन्त बाद में विकसित हो सकता है, अक्सर किसी पुरुष में चोट या संक्रमण से। कुछ प्रकार के पुरुष हाइपोगोनाडिज्म का इलाज टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से किया जा सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार की एक प्राकृतिक प्रणाली हैं जो आयुर्वेद के एक निश्चित कोर्स के बाद पुरुषों में इस गुप्त व यौन समस्या को ठीक करती हैं। पुरुष हाइपोगोनाडिज्म कई तरह के लक्षण पैदा कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- यौन स्वास्थ्य: यौन इच्छा में कमी, स्तंभन दोष, शुक्राणुओं की संख्या में कमी या अनुपस्थिति, और बांझपन।
- शारीरिक बनावट: शरीर और चेहरे के बालों का झड़ना, अंडकोष का सिकुड़ना, स्तन ऊतक का विकास (गाइनेकोमास्टिया), और मांसपेशियों में कमी।
- अन्य लक्षण: थकान, सुस्ती, गर्म चमक, मूड में बदलाव, नींद में गड़बड़ी और संज्ञानात्मक गिरावट।
व्यक्तियों में होने वाले हाइपोगोनाडिज्म के दो प्रकार हैं: प्राथमिक और द्वितीयक। प्राथमिक हाइपोगोनाडिज्म, जिसे प्राथमिक वृषण विफलता के रूप में भी जाना जाता है, अंडकोष में किसी समस्या के कारण होता है। द्वितीयक हाइपोगोनाडिज्म हाइपोथैलेमस या पिट्यूटरी ग्रंथि में किसी समस्या के कारण होता है, जो अंडकोष को टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करने का संकेत देता है।
महिला हाइपोगोनाडिज्म:
महिलाओं में होने वाली यह एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब अंडाशय बहुत कम या बिल्कुल भी यौन हार्मोन का उत्पादन नहीं करते हैं, या जब हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-डिम्बग्रंथि अक्ष ठीक से काम नहीं कर रहा होता है। यह कई कारकों के कारण हो सकता है जैसे कि आनुवंशिकी, रजोनिवृत्ति, ऑटोइम्यून विकार, वायरल संक्रमण, विकिरण या कीमोथेरेपी जैसे कैंसर उपचार, उपवास या वजन कम करना, तनाव और एनोरेक्सिया नर्वोसा या बुलिमिया जैसे खाने के विकार। महिला हाइपोगोनाडिज्म के लक्षणों में बांझपन और मासिक धर्म चक्र की गड़बड़ी शामिल होती हैं।
महिला हाइपोगोनाडिज्म की जटिलताओं में शामिल हैं:
- विलंबित यौवन का होना।
- समय से पहले रजोनिवृत्ति का होना।
- कम अस्थि घनत्व और फ्रैक्चर का होना।
- कम आत्मसम्मान का होना।
- यौन समस्याएं, जैसे कि कम कामेच्छा का होना।
डॉ. सुनील दुबे जो बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर है, कहते हैं कि जब कोई व्यक्ति हाइपोगोनाडिज्म से प्रभावित होता है तो यह चिंता का विषय नहीं है। वास्तव में, यह एक उपचार योग्य स्थिति है और आयुर्वेदिक उपचार और चिकित्सा के माध्यम से व्यक्ति अपने अच्छे यौन स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त कर सकता है। वह आयुर्वेद व हर्बल उपचार के संपूर्ण पाठ्यक्रमों के तहत हार्मोनल असंतुलन, गुप्त व यौन रोग, कम टेस्टोस्टेरोन और अन्य यौन रोगियों को अपना व्यापक उपचार और दवा प्रदान करते हैं। उनका कहना है कि यदि कोई व्यक्ति शारीरिक गतिविधि में निष्क्रिय है, तनाव और अवसाद में डूबा रहता है, मूड स्विंग और कम आत्मसम्मान से ग्रसित है, तो वे इस गुप्त व यौन समस्या से पीड़ित हो सकते हैं।
सभी गुप्त व यौन रोगों के लिए रामबाण आयुर्वेदिक उपचार:
यदि आप किसी भी प्रकार के यौन विकार से पीड़ित है जो कि उनके इच्छा, उत्तेजना, संभोग, या दर्द का से सम्बंधित हैं और यह समस्या आपके यौन जीवन में लगातार बना हुआ है; तो आपको व्यक्तिगत सहायता, उपचार, मार्गदर्शन और दवा के लिए एक अनुभवी आयुर्वेदिक नैदानिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए।
दुबे क्लिनिक भारत का एक प्रमुख आयुर्वेदा और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है जो पटना के लंगर टोली, चौराहा में स्थित है। यह बिहार, भारत का पहला आयुर्वेदिक क्लिनिक भी है जिसे 1965 में स्थापित किया गया। यह क्लिनिक आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा व उपकरणों के सभी आवश्यक सेट से सुसज्जित है। यह प्रमाणित क्लिनिक उन सभी पुरुष और महिला गुप्त व यौन रोगियों को संपूर्ण आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार प्रदान करता है जो लंबे समय से अपने गुप्त व यौन समस्याओं से जूझ रहे हैं। कोई भी व्यक्ति या विवाहित लोग अपने बुनियादी और उन्नत यौन चिकित्सा व उपचार के लिए फोन पर इस क्लिनिक से अपॉइंटमेंट ले सकते है। यह क्लिनिक पिछले 60 वर्षो से पूरे भारत में ऑन-कॉल और इन-क्लिनिक मोड के माध्यम से सेवाएँ प्रदान करते आ रहा है।
अधिक जानकारी के लिए:
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य
बी.ए.एम.एस (रांची), एम.आर.एस.एच (लंदन), आयुर्वेद में पीएचडी (यूएसए)
विशेषता: आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी मेडिसिन डॉक्टर
अनुभव: 35+ साल से अधिक
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
पता: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04