पुरुषों में होने वाले स्खलन दर्द विकार (डिसेजक्यूलेशन):
पुरुषों में होने वाले दर्दनाक स्खलन एक ऐसी स्थिति है जिसमें वे अपने स्खलन के दौरान या बाद में दर्द या असुविधा का अनुभव करते है। इसे ओडिनोरैगस्मिया, ऑर्गैस्मलगिया, डिसेजक्यूलेशन या डिसोर्गेस्मिया के नामों से भी जाना जाता है। दरअसल, यह पुरुषो में होने वाला एक शारीरिक सिंड्रोम है जो स्खलन के दौरान या बाद में मूत्रमार्ग या पेरिनेम में दर्द, असुविधा या जलन का कारण बनता है। वैसे तो, यह एक सामान्य स्थिति है जो दुनिया भर में 1-25% पुरुषों को प्रभावित कर सकती है। भारत में, लगभग 10% पुरुष अपने यौन क्रिया में दर्दनाक स्खलन के रूप में स्खलन विकार से पीड़ित होते हैं।
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, जो विगत साढ़े तीन दशकों से पटना में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के पद पर आसीन रहे हैं, कहते हैं कि पुरुषों में होने वाले दर्दनाक स्खलन, स्खलन विकार की वह स्थिति है जो पीड़ित व्यक्ति के लिए उनके यौन क्रिया में पीड़ा व दर्द का अनुभव कराता है। उनका कहना है कि पुरुषों में स्खलन में होने वाले दर्द के आधार पर इसे दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है जैसे तीव्र दर्द और पुराना दर्द। तीव्र दर्द के मामले में, व्यक्ति को स्खलन के बाद या उसके दौरान अचानक दर्द का अनुभव होता है। पुराना दर्द की स्थिति में, व्यक्ति को स्खलन के दौरान या बाद में लगातार या आवर्ती क्रोनिक दर्द होता है।
पुरुषों में होने वाले स्खलन दर्द विकार के कारण:
पुरुषों में होने वाले स्खलन दर्द विकार में मामले में, बहुत सारे कारको का योगदान होता है। शारीरिक, संक्रमण, सूजन, हार्मोनल, न्यूरोलॉजिकल और मनोवैज्ञानिक वैसे कारक है जो पुरुषों में इस दर्दनाक स्खलन विकार को जन्म देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चलिए उन सभी कारको को विस्तृत रूप से समझते है –
- शारीरिक कारक: प्रोस्टेट की समस्याएं (प्रोस्टेटाइटिस, सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया, BPH), सेमिनल वास्कुलिटिस, एपिडीडिमाइटिस, मूत्रमार्गशोथ और चोट या आघात वैसे शारीरिक कारक हैं जो व्यक्ति को उनके स्खलन दर्द विकार की ओर ले जाते हैं।
- संक्रमण: मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) और यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) संक्रामक कारक हैं जो पुरुषों में होने वाले दर्दनाक स्खलन का कारण बनते हैं।
- सूजन: प्रोस्टेटाइटिस, एपिडीडिमाइटिस और ऑर्काइटिस सूजन कारक हैं जो पुरुषों में स्खलन के दौरान जलन व दर्द की स्थिति को पैदा करते है।
- हार्मोनल: टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी और उच्च कोर्टिसोल ये दोनों हार्मोनल कारक हैं जो पुरुषों में स्खलन के दौरान या बाद में दर्द का कारण बनते हैं।
- न्यूरोलॉजिकल: तंत्रिका क्षति और न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलन ऐसे दो न्यूरोलॉजिकल कारक हैं जो पुरुषों में स्खलन के दौरान या बाद में दर्द या जलन के लिए जिम्मेदार कारक हैं।
- मनोवैज्ञानिक: चिंता, अवसाद, तनाव और रिश्ते की समस्याएं मनोवैज्ञानिक कारक हैं जो न केवल यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं।
- निश्चित दवा: कुछ निश्चित दवाओं के सेवन व उनके साइड इफेक्ट, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट शरीर पर बुरा प्रभाव डालते है।
- पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन: पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन जिसमे पुरुष के मांशपेशियां कमजोर हो जाती है एक संकेत है, जो इस पुरुषो में इस गुप्त व यौन समस्या का कारण बन सकता है।
पुरुषों में होने वाले स्खलन दर्द विकार के लक्षण:
- स्खलन के दौरान या बाद में दर्द या बेचैनी का होना।
- स्खलन के बाद जलन या तेज सनसनी का होना।
- सुस्त दर्द और धड़कन की स्थिति का होना।
- पेनिले, अंडकोष या पेट में दर्द का होना।
- इरेक्शन प्राप्त करने या बनाए रखने में कठिनाई होना।
पुरुषों में होने वाले स्खलन दर्द विकार के लिए उपचार और दवा:
डॉ. सुनील दुबे, बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर बताते हैं कि पुरुषों में स्खलन दर्द विकार में संक्रमण, सूजन, दर्द, हार्मोनल असंतुलन और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों की कमजोरी आदि कारक शामिल है। यहाँ चिकित्सा व उपचार के दौरान, संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स, सूजन-रोधी दवा, दर्द प्रबंधन दवा, हार्मोनल सुधार दवा और सामयिक क्रीम या जैल समस्या को सुधारने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ प्रमुख चिकित्सा शर्तें हैं।
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क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट से मदद कब लें:
डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि जब किसी व्यक्ति को उसके स्खलन के दौरान या बाद में लगातार दर्द या तेज दर्द का अनुभव होता हो, तो उसे क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से व्यक्तिगत परामर्श लेना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति को इरेक्शन पाने या बनाए रखने में कठिनाई होती है, तो उसे सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। अगर उसे पता चलता है कि वीर्य या मूत्र में रक्त है, तो उसे एक अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। कुछ मामलों में, यह देखा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को स्खलन के बाद यौन क्रिया के दौरान बुखार या ठंड लगती है तो यह इस बात का संकेत है कि उसका यौन स्वास्थ्य ठीक नहीं है।
आयुर्वेदिक उपचार के लिए दुबे क्लिनिक में अपॉइंटमेंट ले:
अगर आप किसी भी तरह की गुप्त व यौन समस्याओं या स्खलन विकारों से पीड़ित है और अपने समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आप दुबे क्लिनिक में अपना अपॉइंटमेंट ले सकते हैं। यह क्लिनिक आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के तहत विवाहित और अविवाहित गुप्त व यौन रोगियों के लिए संपूर्ण चिकित्सा व उपचार प्रदान करता है। अपॉइंटमेंट फ़ोन पर हर दिन सुबह 08:00 बजे से रात्रि 08:00 बजे तक उपलब्ध है। पुरे भारत से अब तक साढ़े सात लाख से अधिक गुप्त व यौन रोगियों के दुबे क्लिनिक के चिकित्सा व उपचार का लाभ उठाया है।
अधिक जानकारी के लिए:
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, आयुर्वेदाचार्य और सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04